*ना फिसलो इस उम्मीद में, कि कोई तुम्हें उठा लेगा,*
*सोच कर मत डूबो दरिया में, कि तुम्हें कोई बचा लेगा,*
*ये दुनिया तो एक अड्डा है तमाशबीनों का*
*अगर देखा तुम्हें मुसीबत में, तो हर कोई यहां मज़ा लेगा*

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Hindi Shayri by Nitin Chouksey : 111188557

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