एक सूरज "उम्मीद "का
उतरा है बर्फीली वादी में
गुनगुना रही हवा वह गीत
जिसकी धुन ,सहमी सी
वक़्त लिख रहा वही पन्ने
जिसके लफ्ज़ धुंधला कर बुन रहे एक कहानी
"परछाइयाँ " इन देवदारों की कह रही है
ज़िन्दगी , अभी भी इतनी" तन्हा तो नहीं !!"
#ranjubhatia

Hindi Microfiction by Ranju Bhatia : 111188369

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