मुझे प्यार मिला कई कई बार,
पूछे मुझसे उसने सवाल हजार,
मन में उठाए उसने कई विचार,
कुछ अच्छे कुछ निरे बेकार।
मुझे प्यार मिला कई कई बार,
रंग अलग ,अलग रूप ,आकार,
कभी हंसाए,कभी रुलाए अपार,
कुछ नासमझ,कुछ समझदार।
मुझे प्यार मिला कई कई बार,
बूंद-बूंद अमृत,बूंद बूंद विषाक्त,
कभी समझाए,कभी भरमाए
कुछ भोला,कुछ चतुर चालाक।
मुझे प्यार मिला कई कई बार,
कभी उंगली ,कभी थामे हाथ,
बिन बोले जाने मन की बात,
कुछ मुंह फट,कुछ मूक प्यार ।
मुझसे खोया प्यार कई बार,
जाना मैंने उसे खोने के बाद,
वो था हंसने ,रोने का साथ,
कुछ अपने कुछ सपने सा प्यार ।