रिश्तों के बंधन में कई ख्वाहिशें सदा के लिए दिल में दबी रह गई,

अरमान बहुत थे लेकिन जिन्दगी दुनियादारी में उलझी रह गई,

जीने के लिए सीखी हुई सारी बातें वक्त आने पर धरी की धरी रह गई,

दुनिया की नज़र में बनी आदर्श छवि में जज़्बातों पर धूल जमी रह गई,

चालाकी जीत रही हर मोड़ पर प्यार से, सच्चाई अंधेरों में घुटती रह गई,

फरेबी हर खुशी पाकर मासूम कहलाते है ईमानदारी तन्हाई में रोती रह गई,

जिस्म की चाहत वाले सब कुछ ले गए, प्यार की चाहत प्यार के लिए तरसती रह गई,
..............................#Varman_Garhwal
10-05-2019, #वर्मन_गढ़वाल
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