#kavyotsav2 / motivational

*मै दूर तक चलता रहा ।:*

जिंदगी से मांगी खुशी
उसने कहा, पहले कुछ कर दिखा ।
खुशी छुपी थी दिल के अरमानो में
न जाने मंझील छुपी थी कहा ।।
मंझील पाने कि जिद में
मै दूर तक चलता रहा ।।

सफर आसान न था
रास्ता कठिनाईओं से भरा रहा ।
लढना तो आता न था
फिर भी सीना ताने तुफान में खडा रहा ।।
मंझील पाने कि जिद में
मैं दूर तक चलता रहा ।।

तुमसे ना हो पायेगा
सगे, संबंधी, दोस्तों ने यही कहा ।
साथ छुटा अपनों का
राही ना कोई मेरे साथ चला ।।
मंझील पाने कि जिद में
मै दूर तक चलता रहा ।।

मुश्किल दौर था वो भी
आज जो सपनों सा लगा ।
अभी और भी मंझीले हासील होंगी
आगे बढना है मुझे सदा ।।
मंझील पाने कि जिद में
मैं दूर तक चलू हमेशा ।।

Marathi Poem by Amey Jadhav : 111164398

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