ख़बरदार, जो चुनाव मैं मजहब लाये तो
चोकीदार, साहूकार बड़ी अदब मैं आये हो
अभी रगड़लोगे हमारे सामने रटते भाषण
सरकार, बहुत देर बाद मिलने अब आये हो
घसीटो गे गाय और बकरी को चुनाव मैं
शर्मसार, सियासत से भरे लब लाये हो
हमें न मतलब है तुम्हारे वादों से इरादों से
आसार, है जूठ भर भर के सब लाये हो
हरा भी है केसरी भी हमारे जंडे मैं सुनो
खूंखार, मिलेंगे हम अगर उसे बाट लाये हो
हिमांशु