अहंकार हमें अपूर्णीय क्षति पहुंचाता है, और हमें यह बात जीवन में कभी समझ में नहीं आती है |

अहंकार का कारण है अपने असली स्वरूप अर्थात “मैं” को न समझना | जैसे ही व्यक्ति मैं को उसके असली रूप में देख लेता हैं, उसका अहंकार विल्कुल वैसे ही अदृश्य हो जाता है, जैसे दीपक के जलने से अन्धकार का पतन हो जाता है ||

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Hindi Quotes by Rudra : 111133587
Priyan Sri 4 years ago

बिल्कुल सही 👌

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