पहेली बार देखा ए प्यार तुम्हारा,
लगा की खुदा हम पें मेहरबान हो गए,
तेरी एक मुस्कान से जींदगी खुशनुमा हो गई,
इस कदर हम सवर गए चाहत मे तेरी.
प्यार सामने था, हम तरस गए चाहत में उनकी,
बेकरार दिल को हम संभाल न पाये,
लब्स बावरी सी हो गई,यादों मैं उनकी.
तेरे खयाल मैं सब लुटा चुकै हम,
सुकुन देने वाली चांदनी क्युं दिल जला गई.
हँसी तेरी बारीश जैसी,
हम न जाने कैसे भीग गए,
प्यार के मैं तेरे.
जानते भी लोग क्युं गलती करते है,इश्क की,
हमने दुनिया की घटिया हकीकत से वाकेफ हो गए.
खुदा हमको बुला लो तेरे घर,
भुला दो हमको ए बात
की कभी प्यार करने की भुल की थी
शैमी ओझा "लब्स"