बराबर खफ़ा हो,
बराबर मनाये ,
ना तुम बाज आओ ,
ना हम बाज आये ,
तुम्हे ग़र आता है मज़ा,
रूठ जाने में,
तो हमें भी लुत्फ आता है
तुम्हें मनाने में...!

English Shayri by Sonal Gosalia : 111076716

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