जीवन में कम से कम एक बार प्यार कीजिए,

ठंड हो या न हो, उजाला हो या न हो,

अनुभूतियां शिखर तक जाएं या नहीं,

रास्ता उबड़-खाबड़ हो या सरल,

हवायें सुल्टी बहें या उल्टी बहें,

पगडण्डियां पथरीली हों या कटीली,

कम से कम एकबार दिल को खोल दीजिए।


तुम्हारी बातें कोई सुने या न सुने,

तुम कहते रहो ,' मैं प्यार करता हूँ।'

तुम बार-बार आओ और गुनगुना जाओ।


तुम कम से कम एक बार सोचो,

एक शाश्वत ध्वनि के बारे में जो कभी मरी नहीं,

एक अद्भुत लौ के बारे में जो कभी बुझी नहीं,

उस शान्ति के बारे में.जो कभी रोयी नहीं,

कम से कम एकबार प्यार को जी लीजिए।


यदि आप प्यार कर रहे हैं तो अनन्त हो रहे होते हैं,

कम से कम एक बार मन को फैलाओ डैनों की तरह,

बैठ जाओ प्यार की आँखों में चुपचाप,

सजा लो अपने को यादगार बनने के लिए,

सांसों को खुला छोड़ दो शान्त होने के लिए।


एकबार जंगली शेर की तरह दहाड़ लो केवल प्यार के लिए,

लिख दो किसी को पत्र,पत्रऔर पत्र,

नहीं भूलना लिखना पत्र पर पता और अन्दर प्रिय तुम्हारा,

लम्बी यात्राओं पर एकबार निकल लो केवल प्यार के लिए।

***Robin rajput

Hindi Shayri by Robin Rajput : 111035297

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