#KAVYOTSAV
* तुम्हारा प्यार
बांध रखा है
मैंने तुम्हारा प्यार
तनहाई के खूंटे में
यादों की मजबूत सांकल से
और अकसर जब पगलाया सावन
सौंधी महक वाली बारिश की तलाश में होता है
एक घना काला बादल उमड़ आता है मेरी आँखों में
मुझे खोकर भी तुम्हारी खूबसूरती में जरा सी भी कमी न हुई
और मैं टूटे आईने की माफ़िक बदसूरत बिखरता जा रहा हूँ
आज भी एक कली खिल उठती है दिल के बगीचे में
बारिश से भीगी मिट्टी सी महक बिखेर जाता है
ऊँचे पहाड़ से गिरते फेनिल झरने जैसा
इठलाती बल खाती दीवानी नदी जैसा
किसी बच्चे की मासूमियत जैसा
हवा में झूमती फसलों जैसा
तेरी आँखों जितना गहरा
यादों की जंजीर में कैद
तुम्हारी मुस्कान जैसा
बेहद ही खूबसूरत
तुम्हारा प्यार।