एकतरफ वाला प्रेम

एकतरफ वाला प्रेम, ओह कितना जलता है,
जो दीपक जलता है लेकिन कुछ नहीं समझता है,
जो वास्तविकता के दबाव से बुझ जाता है,
एक ऐसा प्रेम जो अनुप्राप्त होता है,
उसकी दौड़ है।

दिल तेज़ धड़कता है,
लेकिन वो अकेला है,
मन दौड़ता है,
लेकिन विचार अज्ञात है,
एक गुप्त प्रेम जो अंधेरे में छिपा हुआ है,
एक दर्दनाक प्रेम जो अपना निशान छोड़ता है।

प्रेमी कुछ होने की तमन्ना करता है,
जो एकतरफा होता है, लेकिन इतना स्वतंत्र होता है,
अस्वीकार का भय के बिना स्वतंत्रता से प्रेम करने की, पता नहीं चलता कब कोई जान पा जाता है।

लेकिन अलस, वास्तविकता कठोर होती है, दिल दुखता है, दर्द होता है, चिरस्थायी निशान छोड़ता है, प्रेमी को आगे बढ़ना होता है, नया प्रेम खोजना होता है, और आशा करता है कि कभी न कभी, एकतरफा प्रेम, दोनों तरफ से हो जाएगा, ओह ऊपर से दिया गया उपहार होगा।

Hindi Poem by SWARNIM स्वर्णिम : 111867128

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