इश्क-

जाबए इश्क जिंदगी इश्क यकीन जिंदगी ने जाना। हुस्न इश्क आग का दरिया डूबते जाना।।

इश्क में जीना मरना मीट जाना इश्क हद से गुजरता जुनून जज्बा इश्क आँसू मुस्कान विस्मिल्लाह इश्क में डूबते जाना।।

इश्क हद से गुजरना जुनून जज्बा जमानें कि तारीख खास मासा अल्ला माना।।

इश्क राजा रंक फकीर सबका जुनून दौलत शोहरत तो हुस्न अदा का इश्क फक्र फकीर का खुदाई इश्क में डूबते जाना।।

इश्क खुदा का पैगाम इंसानियत ईमान का ईनाम सच्चे दिल बादशाह का इश्क जहां जिंदगी का मिल जाना।।

इश्क का मकसद मंजिल खुदा के नूर में खो जाना इश्क जोश जज्बा दीवाना खुद में खुदा के नूर को पहचाना जाना।।

इश्क सौगात जिंदगी हुस्न दौलत सुरूर गुरुर ताकत सोहरत इश्क उरूज सौदागर इंसान कि चाहत इश्क जहां में जाना पहचाना।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।

Hindi Poem by नंदलाल मणि त्रिपाठी : 111864667

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