तुमसे न जाने क्या है मनुहार ये मेरा ?
बेकार ही परेशां व्यवहार ये मेरा।
तुम चांद सितारा या कोई रोशनाई हो।
सच मानो,
तुमसे ही चमकदार है बाजार ये मेरा।
तुम ख्वाब ख्यालात की हो लक्ष्मी मेरी।
तुमसे ही बरकरार है किरदार ये मेरा।

-Anand Tripathi

Hindi Shayri by Anand Tripathi : 111857942

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