इल्म न था एक ऐसा दिन भी आएगा ,

जिसे जमीं से उठा अर्श पे बिठाया ,

जिसे हमने किया बेइंतहां प्यार,

जिस पे खुद से ज्यादा किया एतबार ,

वो एक दिन महफ़िल में करेगा हमें शर्मशार .

Hindi Shayri by S Sinha : 111857550

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