संदेसा गणतंत्र का 🇮🇳

तीन रंग का नहीं तिरंगा,ये देश का सम्मान है।
झुकने न देंगे इसे कभी,भारतका अभिमान है।1।

आज की सुबह खुशियां अगणित आई हैं।
गणतंत्र दिवस का संदेसा प्रमुदित लाई हैं।2।

शहीदों,सेनानियों की साधना हुई सफल है।
संविधान उनकी तपस्या का ही प्रतिफल है।3।

देश से बढ़कर नहीं है यहाँ और कोई विधान।
धर्म भारत,जाति भी भारत,है मेरा देश महान।
हम भारतीय,भारत के,भारत हित रहना होगा।
एक अखंड राष्ट्र के हित ही जीना-मरना होगा।4।

मातृभारती के सभी पाठकों, रचनाकारों एवं टीम मातृभारती को 74 वे गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं✍️🙏🇮🇳
डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय

(मौलिक कॉपीराइट रचना)

Hindi Poem by Dr Yogendra Kumar Pandey : 111856480

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