गज़ल
कुछ रिश्ते जीवन में बड़े खास होते हैं,
दूरी में भी मिलन का आभास होते हैं।
ख़्वाबों और ख़यालों में बस वो ही वो,
ज़िंदगी में हर पल का विश्वास होते हैं।
बिना मिले ही किसी को पाने का भरम,
गर टूटे तो ज़िंदगी का उपहास होते हैं।
दुनियां के मेले में है भीड़ और चकाचौंध,
झूठ औ फरेब क्यूँ यकीं की आस होते हैं।
ख़्वाबों का सिलसिला चलता रहे अच्छा,
हक़ीक़त में बस ग़म औ आँसू पास होते हैं।
रो-रो के बुरा हाल है पर कहाँ उन्हें ख़बर,
तन्हाई में हर मंज़र, हर लम्हे उदास होते हैं।
इश्क़ है रब की नेमत सबके नसीब कहाँ,
किस्मत वालों को इसके अहसास होते हैं।
योगेंद्र © मौलिक कॉपीराइट रचना