नमस्ते दोस्तों ,

सभी प्रिय मातृभारती परिवार के मित्रों को समर्पित...

ज़िन्दगी के रंगमंच में अनगिनत किरदार निभाते हैं ये दोस्त।

ज़हर से लम्हों को अमृत बना देतें हैं ये दोस्त।

तन्हा ज़िन्दगी में महफ़िल सजा देते हैं ये दोस्त।

ज़िंदगी के अशआरों से जब उदासी की महक आती हैं , तब तन्हा , बियाबान ज़िन्दगी को इत्र सा महका देते हैं ये दोस्त।

जब दर्द ज़िन्दगी के हर सहफे में नजर आता हैं , तब मरहम बन जातें हैं ये दोस्त।

दरिया सा गहरा दिल जब दर्द से भर जाता हैं औऱ दर्द छलकने लगता हैं तब दर्द की दवा बन जातें हैं ये दोस्त।

छोड़ जाते हैं जब सारे रिश्ते-नाते तब साथ निभा जाते हैं ये दोस्त।

ज़िंदगी के हर मुश्किल दौर और मोड़ पर नजर आ जातें हैं ये दोस्त।

वैदेही वैष्णव "वाटिका"

Hindi Poem by Vaidehi Vaishnav : 111850976
Vaidehi Vaishnav 1 year ago

जी , धन्यवाद सर

shekhar kharadi Idriya 1 year ago

मित्र भावनाएं दर्शाती हुई अभिव्यक्ति....

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now