मैं और मेरे अह्सास

आँखों में ग़र सुनामी आ जाए l
तो अश्कों को छुपाके रखना ll

दिल पर तो राज कर रहे हैं l
सर का ताज बनाके रखना ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111847238

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