तुम खुश हो, मुझे और क्या चाहिए,
खुश रहो सुख तुम्हारे सलामत रहे ,
यह हाथ दुआ में उठते मेरे |
जो करती है वो ,कुछ भी संशय नही ,
जो लायक है जिसके मिले भी वही ,
मै पाकर भी पाती नही जानती ,
मै होकर भी होती नही जानती ,
मुझसे ज्यादा है मुझको वो पहचानती |
इन शब्दो का मेरे कोई मोल है , बूझे किसी को ,
कोई तोल है | या भ्रम है कोई मेरा मुझसे ही है,
है शिकायत कहीं, आप ही तोड़ है |

Hindi Poem by Ruchi Dixit : 111825014

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