“अनोखे रंगो मे रंगा मेरा रक्षाबंधन इंसान से
इंसान के प्यार को समर्पित है मेरा रक्षाबधन,
अनोखे रंगों से रंगा है मैने मेरा रक्षाबधंन।

आओ हम सब मिलकर एक अनोखा पर्व मनाते है,
राखी के इस पावन पर्व को राष्ट्रीय पर्व बनाते है।

बाँध के एक दूजे को राखी रक्षा का वचन उठाते है,
न उजड़े सँसार किसी बहन का न बिखरे सपने किसी भाई के।

हाथो से हाथ मिलाकर मानव शृंखला बनाते है,
बेसहारा का सहारा बन आओ मिलकर राखी का पर्व मानते है।”

Hindi Shayri by Jatin Tyagi : 111824968

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