"सौ अपराधी छूट जाएं, मगर एक निर्दोष दंडित ना हो।"
:- भारतीय न्यायपालिका

ये जो सौ अपराधी छोड़े जाते हैं ना... ये उस एक निर्दोष के साथ ही ना जाने कितने निर्दोष लोगो की जान ले लेते हैं।

अपराधी जानते हैं, जब तक अपराध सिद्ध होगा.. तब तक आधी ज़िन्दगी बीत जाएगी।
निर्दोष डरते हैं, जब तक अपराध सिद्ध होगा.. तब तक आधी ज़िन्दगी बीत जाएगी।

"अपराधियों को भी जीने का अधिकार है, उनका भी भविष्य है।" - सर्वोच्च न्यायलय
लेकिन माननीय न्यायालय जीने का अधिकार तो उन्हें भी है, जिनके साथ अपराध हुआ है।

Hindi Blog by Jyoti Prajapati : 111823982

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