मैं और मेरे अह्सास

दिल की बात छिपाये काले अक्षर l
प्यारे रिसते निभाये काले अक्षर ll

जूठा वादा, जूठा दिलासा व् आश l
दिनमे तारे दिखाये काले अक्षर ll

मुहब्बत की वादियों में सहलाने l
मीठे प्यारे गीत गाये काले अक्षर ll

साखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111823032

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now