प्रेम का मतलब बातें करना
प्रेम का मतलब कोल करना
प्रेम का मतलब स्पर्श करना
प्रेम का मतलब ऐसा कुछ नही है हा एक जरिया हो सकता स्वयं की बात रखने का प्रेम का मतलब सामने आने पर मोन्न स्थिति रह जाना कोई शब्द न मिल पाना अश्रु की धार से परमात्मा प्रकट हो जाना प्रेम का मतलब की कोई व्याख्या संभव ही नही कोई शब्द बने ही नही जो उसे वर्णित किया जा सके प्रेम का मतलब एक तरंग है जो परमात्मा से जोड़ती है प्रेम होना कभी संयोग नही होता किसी को पँछी से प्रेम किसी को पशु से प्रेम तो किसी को बच्चो से प्रेम तो कभी किसी को खास व्यक्ति से प्रेम उसे देखकर मानो ओर कुछ न देखना बाकी रह गया हो कोई पँछी को दाना खिलाता है उसमें एक भीतर की मस्ती हिलोरे लेती होती है वही आनंद सच्चिदानंद स्वरूप की झलक होती है मन, ह्रदय ,ज्ञान की स्थिति से पर है प्रेम बिना परमात्मा तक का सफर संभव ही नही प्रिय पात्र के सामने संपूर्ण समर्पण न कोई सवाल न कोई जवाब बाकी रह जाता शुद्ध प्रेम न कोई बंधन न कोई इच्छा न कोई शिकायत बस बाकी रह जाति भक्ति!!!!
मन ,ह्रदय ,चालाकी,नही सिर्फ निश्छलता जो सामने वाले के मोन्न को भी समज जाते अनकही बातों को भी समज जाते उनकी मजबूरी को भी समज जाते कभजी कोई सफाई देने की जरूरत ही नही पड़ती स्वयं से स्वयं की दूरी तय कर ली हो तब!!!!!

🙏जय श्री राधेकृष्ण🙏🚩जय माधव🙏🚩

Hindi Whatsapp-Status by બદનામ રાજા : 111822531

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now