My Spiritual Poem...!!!
सुकून इस में भी है तन्हा रहा जाए
किसी से कुछ भी तो ना कहा जाए
खुद ही खुद को हरवक्त तलाशा जाए
गवाह आईने को ही बना के पुछा जाए
पाप-पुण्य हिसाब-किताब किया जाए
मरनेसे पहले ही कभी मरके देखा जाए
ख्वाहिश-आरझु से पीछा छुड़ाया जाए
प्रभु दरबार साहिब में हाजरी दी जाए
मंदिर मस्जिद छोड़ रंकको खिलाया ..!!
-Rooh The Spiritual Power