#hindipoem
कस्तूरी की अभिलाषा, मृग को भ्रमित करती है
लम्हों को समेटने की आशा, कलम में स्याही भर्ती है

शतरंज में ,हर सिपाही की एक अनोखी चाल होती है
जीवन की हर कसौटी से जुड़ी एक नयी याद होती है

शीशम की छाल अपने सदाबहार पत्तों से हरी-भरी हो लहराती रहती है
लहर बहर जिंदगी के सफर की कलम में नई ताजगी भर्ती रहती है

जो रहे गुर्जर हों खाली पन्ने इस कलम की स्याही से
हर लम्हा बिछ जाए इन पे जीवन की कलाई से

सिलते जाए अनोखे विचारों को मैं और कलम
नयी सादगी से
हर तबस्सुम को नवीन रूप देती जाए कलम, मेरे भावुक विचारों से
Deepti

Hindi Poem by Deepti Khanna : 111820572

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