जावेद इश्क़ का लम्हा कुछ यु पनाह लेता है,
सब कुछ गैर कर गिला सिकवा को पनाह देता है,
लोग पूछ कर अंजान बनते है आँखो मे से निकले आँसू का राज..,
जानते हुवे लोग तो फनाह इश्क़ मे गिरे आशिक का इम्तिहां लेते है..

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111815848

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