एक रोज़ जो तुम्हें देखा...…
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अचानक मेरे सामने जो आ गए तुम
सोचा कि नज़र हटा लूं, न देखूं तुम्हें
मगर, दिल है की माना ही नहीं,
यूं ही एकटक देखता रहा.. उसे..!!
इन इशारों में बस एक ही सवाल था,
किसकी खातिर तुमने हमें छोड़ा,
आखिर कौन तुम्हें, हमसे ख़ास था ।
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