मुझको तो कर दिया है तुमने तबाह लेकिन
मेरी यही दुआ है तुम ख़ुश रहो जहाँ हो

जो दोस्ती के दावे करते थे निकले दुश्मन
हाय वो बाग़ जिसका सय्याद बाग़बाँ हो
परमानन्द शर्मा 'शरर'

Hindi Shayri by Rakesh Thakkar : 111803098

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