This is what the poem is



जो छुए बिना स्पर्श करे
कविता वो प्रहार है,

सुनने, पढ़ने तक तो ठीक,
पर कविता लिखने में कुछ बात है

एक इंसान निभाता यहां ढेरों जिम्मेदारियां
एक कविता कई किरदारों का सार है

एक मंद हँसी में छिपे सारे राज
तो एक मंद हंसी में दिखते सारे भाव
और कविता हर एक हँसी का जवाब है।

बातें हो बचकानी या फिर बातें करो सयानी
बातें ही तो है, आज नई है कल थी पुरानी
पर कविता की बातों में, कुछ बात है

नज़रे चुराके के क्या छुपाते हो
है ही क्या, जो नज़रे दिखाते हो
नज़रों की बात कर तो,
कविता का हर नजर ही खास है

जब तक हटके ना हो
कविता कहा लाजवाब है

सुन सको तो मधुर पुकार
देख सको तो एक श्रृंगार
कई प्रकारों का एक प्रकार
जो खुद की करता है प्रचार


sakshi ✍️✍️

Hindi Poem by Sakshi : 111800035
Sakshi 2 years ago

हर बार की तरह विशेष टिप्पणी देने के लिए आपका धन्यवाद 🥰🙏🥰

shekhar kharadi Idriya 2 years ago

अति सुन्दर रचना / कविता का सारांश के साथ खट्टी-मीठी बातों को शब्दों में अच्छी तरह पिरोया साक्षी.....🌹

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