जब भी तेरे हाथ उठे दुआओं में...
मेरे लिए दर्दनाक मौत मांग लेना...
मैं शुक्रगुजार रहूंगा तेरे इस अहसान का
मेरी कब्र पर तेरी कोई निशानी छोड़ जाना...

Hindi Shayri by NR Omprakash Saini : 111799524

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