किसी के जाने के बाद एक जगह ख़ाली हो जाती है। एक रिक्त स्थान!
ऐसा रिक्त स्थान जो कभी नहीं भरता।
मैं कभी-कभी सोचती हूँ कि लोग ज़िंदगी से जाते क्यों हैं?
हाँ! मगर किसी के ज़िंदगी में आने पर कभी मेरे दिल में इतने सवाल नहीं उठे। मुझे लगता है कि किसी का चले जाना एक ऐसा विषय है जिस पर कभी कोई किताब नहीं लिखी गई या शायद कोई चर्चा ही नहीं कि गई।
क्योंकि चर्चा की जाती या किताब लिखी जाती तो यह सवाल मुझे आधी रात को खींचकर मेरे रिक्त होते स्थान की ओर नहीं ले जाता।
'वो चला गया'.. यह वाक्य तुम्हें दुःखद नहीं लगता?
अच्छा! अजीब बात यह है कि किसी की अनुपस्थिति हमें उस इंसान के और भी करीब कर देती है और उपस्थिति तो जैसे महसूस ही नहीं होती।
यहाँ 'अनुपस्थिति' का अर्थ केवल मृत्यु का होना नहीं है। दरअसल मृत्यु होने पर तो हमें प्रेम हो जाता है।
जानते हो मेरा मानना है कि "ज़िंदा इंसान सब को बुरा लगता है, मुर्दे पर तो केवल प्यार ही आता है।"
जब हम इंसानों को किसी से नफ़रत हो जाए तो हम हर सम्भव प्रयास करते हैं जताने का मगर मोहब्बत जताने के नाम पर पीछे हट जाते हैं और थोड़ी भी कोशिश नहीं करते.. अजीब नहीं है यह!
..
जब अचानक कोई आपके जीवन से चला जाए तो उस खाली जगह को भरने की हमारी नाकाम कोशिश मुझे समझ नहीं आती क्योंकि उस इंसान के रहते यह क्यों नहीं कहा कि 'हम उसके बिना रह नहीं सकते।'
क्यों किसी को खो देने के बाद ही हम यह कहते हैं कि 'उसके बिना जीवन व्यर्थ है।'
मैंने पहले भी कहा है "शोक प्रकट करना प्रेम प्रकट करने से कहीं अधिक सरल है।"
कभी-कभी कह देना अच्छा होता है बस इसलिए सुनो..
मैंने पहले भी कहा है आज पुनः कह रही हूँ.. "मैं तुमसे प्रेम करती हूँ और तुम्हारे बिना मेरे जीवन की कल्पना भी मेरे लिए संभव नहीं है।"
-रूपकीबातें
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Hindi Blog by Roopanjali singh parmar : 111793635
Bhumesh Kamdi 2 years ago

touched 😌& wonderfully elaborated 👏👏😊🤗

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