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भले नयन से धार नीर की बही है।
मन की प्रित किसी से न कही है।।
दुनिया भले कृष्ण को छलिया कहे।
राधा ,कृष्ण की चाहत सदा रही है।।
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-!~कृष्णा~!

Hindi Shayri by !~कृष्णा~! : 111790842

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