🌹🙏🌹 भावभीनी श्रद्धांजलि
अनंत पथ को प्रस्थान कर चलीं, संगीत जगत कर सूना वो
वतन रहेगा ऋणी सदा ही, गीत-संगीत को सजा गईं जो।
आना होगा दीदी फिर तुमको, इस माँ भारती के प्रांगण में,
आशीष की चाहत लिए, स्नेह नयन बिछाए होंगे धरती पे।
शीतल-निर्मल-कोमल-पाक व्यक्तित्व रहा संगीत साम्राज्ञी का,
'भारत रत्न' से हुईं सम्मानित,मिले फाल्के-पद्म विभूषण पुरस्कार।
वाणी में मधुरता, मीठी मुस्कान,गले में माँ सरस्वती का वास
दयाभाव सी मोहिनी मूरत जैसे कि कोई देवी ली हो अवतार।
शांत गंभीर चिर निद्रा में सो गईं, हमें दे कर नवरसों में गान,
गीत-संगीत की खातिर कर गईं, अपना सम्पूर्ण जीवन दान।
सुरों से रहा गहरा नाता जिनका, सुरीली आवाज बनी पहचान
सरगम की ही करती थी आराधना, कंठ में जादू बेमिसाल।
स्वर्णिम स्वर को भावभीनी श्रद्धांजलि में किए पुष्प नमन,
सरस्वती की देवी को याद कर, सदा होगी सबकी आँखें नम।
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* अर्चना सिंह 'जया'