ईमानदारी गुम है ये जहाँ में
बेईमानी सर चढ़ जो आई है
हर कदम फूँक-फूँक रखना जनाब
सच्चे वफ़ा ने ओढ़ी झूठी परछाई है,
काला चढ़ जाता है, हर रंग के ऊपर
सच्चाई का रंग अपना अस्तित्व भूल आई है।
भोला-भाला पिस जाता यहाँ,
एक मासूम पे सौ बला उतर आई है।
बेईमान ईमानदारी का क्या करे?
सच्चे ईमान पर झूठ का पलड़ा भारी है।
शहद सी मीठी, ज़हर ये लगती,
देखें भी तो आंखें चौंधिया आई है।
ईमानदारी गुम है ये जहाँ में
बेईमानी सर चढ़ जो आई है
#sakshi