करोडोकी भीड़ की पुरी करता need हैं ,
स्वाभिमानी लोग है और लोगो मे भी जिद हैं ,
कोई धनिक हैं, तो कोई यहा दीन हैं ,
कोई अर्वाचीन हैं, तो कोई प्राचीन हैं ,
विभिन्न हैं मगर पर सब खाने के सौंखीन हैं,
देश मेरा एक अलादीन का जिन हैं ।

भिन्न भिन्न पेड़ की एक ही seed हैं ,
जर्जरित इमारते है ,तो टिकाऊ उसकी नीव हैं,
छोटे गाँव ,शहर बड़े सब रंगीन हैं ,
कोई संत है ,तो कोई जिंदगी मैं लीन हैं,
बलवान पुरुष है, और औरते हसीन हैं
देश मेरा एक अलादीन का जिन हैं ।

कई मुसीबतो को झेला इसने हँसते हँसते ,
दूसरे देशों को भी सिखाया हैं नमस्ते ,
करके दिखाया वो भी जो नामुमकिन है,
खामिया है यहाँ पर फिरभी बेहतरीन है,
कोई खुश हैं यहाँ, तो कोई गमगीन हैं ,
देश मेरा एक अलादीन का जिन हैं ।

#RepublicDay

Hindi Poem by Raaj : 111780732

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