मै जानती थोड़ा कठिन पर न असंभव बात है, कर रही तुझको स्वतंत्र मै अपने हर विचार से | न रही तेरी वजह तो वजह न चाहिए, जा तू पा ले रंग जीवन मे तुझे जो चाहिये |
मन रहा किसका सगा , विश्वास दे हरदम ठगा , यह सत्य अब स्वीकार कर चल रही एक राह पर |

-Ruchi Dixit

Hindi Poem by Ruchi Dixit : 111780073

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