Shaheed
कारगिल विजय दिवस
यह दिन है उन शहीदों को
श्रद्धासुमन चढ़ाने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था,
मातृभूमि को बचाने का।
घात लगाकर बैठे दुश्मन
अपनी चाल चल रहे थे,
सैनिको के बुलंद हौसले
उनकी ढाल बन रहे थे,
उस ताकत के आगे ,
नहीं कम उम्र कुछ माने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था
मातृभूमि को बचाने का।
बर्फीली जमीन और हवाएं
उनके पैर धंसा देती थीं,
फिर भी बंदूकों की गोलियां
जोश से दागी जाती थीं।
दुर्गम पथ था देर से पता लगा
शत्रु के घुस जाने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था
मातृभूमि को बचाने को ।
डॉअमृता शुक्ला