तेरी यादों के सहारे जी लेती हूं मैं अपनी जिंदगी
दुनिया की रीति रिवाजों से परे रहती हूं मैं आज-कल
लगता है अब बेफिक्र सी हो गई हूं मैं Bindu Anurag
कभी-कभी लोग तुझे याद करके रुलाना चाहते हैं ,
तो भी मैं ढिढ हो जाती हूं नहीं रोती उनके सामने
पर सच कहूं तो मैं खूब रो लेती हूं तुझे याद करके ,
अकेले में अपने घर के कोने में
कभी-कभी बेवजह भी हंस देती हूं तुझे याद करके
और कभी-कभी हंसते-हंसते भी मैं रो देती हूं तुझे याद करके
तेरी यादों के सहारे जी लेती हूं मैं अपनी जिंदगी "Anumay"
मेरी हंसी में भी तू है तो मेरे रोने के पीछे की वजह भी तू है
तेरी यादों के सहारे जी लेती हूं मैं अपनी जिंदगी
06:03 AM 20/01/22
-Bindu _Anurag