दिए है तुमने सबकी आँखो मे आंसू या रब!
पिघलाने के लिए पत्थरों को!
रंज इस बात का है मुझे की कब बनाते हो इस पत्थरों को?
- वात्त्सल्य

Hindi Good Evening by वात्सल्य : 111778994

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