ऐसे प्रभु श्री राम हैं, केवल देखें भक्ति।
चखे बेर सबरी सभी, तृप्त हुए दें मुक्ति।।

प्रेम-पियारे राम हैं, जग में नहीं अछूत।
आनंदित हो मल रहे, तन-मन स्वयं भभूत।।

मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "

Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111778630
shekhar kharadi Idriya 2 years ago

अति सुन्दर

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