शीर्षक: सर्दी खास होती

तमस सर्दी का गहराया
भास्कर कहीं नजर न आया
बर्फीली हवाओ ने कंपकपाया
खुश्बू, मौसम की ने बताया
देखों, सर्दी का सुहावना पल आया

पतों ने फूलों से कहा
कल तुम चले जाओगे
किसी गर्म गुलदस्ते में
सज के खिल जाओगे
खुबसुरत अंगुलियो का
तपिश भरा स्पर्श पाओगे
माहोल की मधुरता मे
मुस्कराते नजर आओगे

एक फूल सर्द होकर बोल "दोस्त"
मधुर से मधुरतम सर्दी
जिदगी की उष्णता है
पल पल दो पल की जिन्दगी
अहसास की अमरता है
क्योंकि,सच्चे रिश्तों की गर्मी पास होती
बन्दिशों में तो जिंदगी
उदास ही होती है
तभी तो सर्दी खास होती है
✍️ कमल भंसाली

Hindi Poem by Kamal Bhansali : 111778579

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