उनके दिल में हमें जगा ना मिली;
जगा न मिलने की वजा ना मिली;

सदा रहे हैं हम जिनसे वफादार,
पर, उनसे ही हमें वफा ना मिली;

चेहरा देख जान लेते हाल-ए-दिल,
उनके हाथों भी हमें दवा ना मिली;

अक्सर हमें ही मिलती रही है सजा,
पर हमें हमारी कोई खता ना मिली;

हाथों से सरकते गये वो हसीं लम्हे,
खाली हाथों से हमें दुआ ना मिली;

कब्र भी देखो तो है सामने ही "व्योम",
फिर क्यों हमें आज कझा ना मिली?

...© વિનોદ.મો.સોલંકી"વ્યોમ"
GETCO (GEB)
મુ. આદિપુર (કચ્છ)

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111778070

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