तुम्हारे जाने के बाद किसी भी चीज में मन नहीं लगता
और मन लगता है तो सिर्फ तुम्हारी यादों में खो जाने को चाहता है पर कैसे समझाऊं मैं अपने मन को तेरी यादों के सहारे जीतो लूंगी लेकिन जो मेरे कंधों पर जवाबदारीओ का बोझ है मुझे उसे भी तो संभालना है इसीलिए कभी-कभी बेवजह ही कभी चुप हो जाती हूं कुछ सहमी सी  हो जाती हूं कुछ समझ नहीं पाती ऐसा क्यों होता है Bindu Anurag
तुम्हारे जाने के बाद किसी भी चीज में मन नहीं लगता.....

-Bindu _Anurag

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