शिकायतें छोड़,कुछ करम कर ए-जिंदगी।
अकड़ को छोड़ कर, कुछ नरम हो जा,...
छोड़ कर आसक्ति! ,कर्त्तव्यों के प्रति गरम हो जा।
वादा किया था तूने,अब कर अमल ए-जिंदगी।।
#वादाकियाथाहमने
#ए_ज़िंदगी
#कर्मकिएजाओ
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Sorry by सनातनी_जितेंद्र मन : 111777620

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