कह दे तो सिद्धत कर लू
कह दे तो मुद्दत कर लू
मेरा इश्क गुहार लगाता है
कह दे तो सजदा कर लू
तेरी आती जाती यादों में
मेरे ख्याली जस्बाते में
कह दे तो रोजा रख लू
कह दे तो , पानी पी लूं
मेरे मैं को तुमसे मिलना है
तेरे तुम को यूं चोरी कर लू
मेरी माइयत गुजरी ऐसे क्यू
कह दे तो रुकसत कर लू
कह दे तो सिद्धत कर लू


-@njali

Hindi Poem by Alone Soul : 111777192

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now