विश्वास*

"उससे हमनें कहा, अपनी वफ़ा पर जरा गौर करे
जबाब आया दिल पर दरवाजा नहीं, माफ करे
अगर नहीं चाहत पर विश्वास, खुदा आपकी खैर करे
शंका है अगर इनायत पर, तो दूसरे दिल की सैर करे"
✍️ कमल भंसाली

-Kamal Bhansali

Hindi Shayri by Kamal Bhansali : 111777051

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