सुकून इस बात में है
थोड़े बेहतर हालात में है

कल तो किसी का भी नही
मगर आज थोड़ा साथ में है

सर्दी में चिंता लगी रहती है
अलाव आज तेज आंच में है

भूख तो रोज लगती है मरजानी...
आज रोटियां मेरे हाथ में है

-@njali

Hindi Poem by Alone Soul : 111775868

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