हम तो तब भी लिखते थे ,और अब भी लिखते है ,
हम तो तब भी लिखते थे, और अब भी लिखते है , जनाब...फर्क बस इतना सा है की, पहले दुसरों के लिए लिखते थे, आज खुद का मन बहलाने के लिए लिखते है!

-मनमंजिरी

Hindi Shayri by Anonymous : 111774056

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