जो कुछ बची थी मुझमें थोड़ी बहुत सी इंसानियत❗
वक्त के साथ उसने उसे भी मेरे अंदर से खत्म कर दिया‼️

-निखिल ठाकुर

Hindi Shayri by निखिल ठाकुर : 111771003

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